S.nrabbani

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लेखनी कहानी -08-Jan-2022

मुहब्बत में जब भी किसी से किसी का ऐतबार टूटता है 

बनाते रहते हैं जो लोग बरसों बरस वो मैयार टूटता है

उनके लिए बहुत आसान था ये कहना के अलग होते हैं

लेकिन उनसे पूछों जो जुदा होने पर हज़ारों बार टूटता है

एक तरफ़ तो हज़ार रुसवाईयाँ भी उनके लिए कुछ नहीं 

और यहाँ ज़रा सी बेहुर्मति से साहिबे किरदार टूटता है

हमने तो मोहब्बत को भी इबादत की तरह क़ायम की है 

एक वो हैं  जिनका इस इबादत में वज़ू बार बार टूटता है


    डॉ नौशाद रब्बानी

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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

11-Jan-2022 05:40 PM

बहुत खूबसूरत

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Abhinav ji

09-Jan-2022 11:39 PM

Very nice

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Rakash

08-Jan-2022 05:14 PM

Gzb

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